बिना कर्मकांड और पंडित के रचाई शादी, भारतीय संविधान को माना साक्षी

 
Unique Marriage

Unique Marriage: सोशल मीडिया पर एक अनोखी तरह की शादी की चर्चा वायरल हो रही है. एक युवा जोड़े ने बिना कर्मकांड और पंडित के अनूठे तरीके से शादी की. शिक्षक प्रवेश भारत और उनकी धर्मपत्नी निशा ने पहल करते हुए शादी को संविधान को साक्षी मानकर किया गया. इस पहल को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है .शादी में आए महेमानों को संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर भी भेंट की.

अनोखी शादी हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर मे के गिरीपार क्षेत्र के सालवाला गांव में हुई.भारतीय संविधान को साक्षी मानकर रचाई गई यह शादी पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस शादी में बिना ब्राह्मण और बिना वैदिक मंत्रों के स्थानीय रीति-रिवाजों को निभाया गया. शादी करने वाला शख्स सरकारी स्कूल में टीचर है. युवा टीचर का मानना है कि शादी दो दिलों का मिलन है. इसके लिए परंपरागत रीति-रिवाज और कर्मकांड का होना जरूरी नहीं है.

पहले इस तरह की शादी के लिए उनका परिवार भी नहीं मान रहा था, लेकिन कई बार बात किए जाने के बाद लड़का-लड़की अपने घर-परिवार को मनाने में सफल रहे. शादी की सारी रस्में पूरी की गई. बैंड-बाजे के साथ बारात आई, लेकिन इस शादी से पंडित जी नदारद रहे.

दूल्हा-दुल्हन ने संविधान के प्रति को साक्षी मानकर जीवन भर के लिए एक-दूसरे का हाथ थाम लिया. फिलहाल बिना ब्राह्मण की की गई इस शादी की चर्चा जिला सिरमौर के साथ पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है. लोग इस शादी पर अलग-अलग तरह की राय दे रहे हैं. सोशल मीडिया तरह-तरह की कमेंट कर रहे है.

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