Tigri Ganga Mela 2023 : 27 नवंबर को इस बार होगा तिगरी गंगा मेला का मुख्य गंगा स्नान
Tigri Ganga Mela 2023:अमरोहा के तिगरीधाम में लगने वाले मेले की तैयारियां शुरू हो गई। तिगरीधाम गंगा मेला उत्तर भारत का ऐतिहासिक मेला है। इस मेले का आयोजन दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा से सप्ताह भर पहले से शुरू होता है। लाखों लोग इस मेल में पहुंचते है जो करीब 10 दिन तक चलता है।
अमरोहा/तिगरीधाम। बबीता देवी
अमरोहा के तिगरीधाम में लगने वाले मेले की तैयारियां शुरू हो गई। तिगरीधाम गंगा मेला उत्तर भारत का ऐतिहासिक मेला है। इस मेले का आयोजन दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा से सप्ताह भर पहले से शुरू होता है। लाखों लोग इस मेल में पहुंचते है जो करीब 10 दिन तक चलता है।
जिला प्रशासन ने तिगरी गंगा मेले की तैयारियों की बनाई रूपरेखा
जिला प्रशासन ने मेले की तैयारियों को शुरू कर दिया है। तिगरी में गंगा के किनारे साफ सफाई शुरू हो गई है। मेले स्थल को कई सेक्टरों में बांटा जाता है। मेले को भव्य बनाने के लिए जिला प्रशासन करता है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जाते है। मेला अमरोहा जनपद के गजरौला थाना क्षेत्र के तिगरी में लगता है।
इस साल 27 नवंबर 2023 को कार्तिक पूर्णिमा होगी लेकिन कुछ ज्योतिष 26 नवंबर को भी बता रहे है। ज्यादातर का माना है कि मुख्य स्नान 27 नवंबर 2023 को होगा। 22 नवंबर को देवठान होगा । मेले की शुरूआत 22 नवंबर से हो जाती है। लेकिन श्रद्धालु आठ दिन पहले से जाने शुरू हो जाते है। प्रशासन ने मेले की तैयारियों की रूपरेखा तैयार कर ली। मेले की तैयारियों के लिये पुलिस प्रशासन के साथ सभी विभागों को निर्देश दे दिये गये। इस बार जिलाधिकारी ने भव्य और किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हो उसके लिये पहले से अलर्ट कर दिया है।
मेले का इतिहास
जानकारों की मानें तो सही जानकारी नहीं मिलती है। मेले का इतिहास श्रवण कुमार से मिलता है। रामप्रकाश शर्मा बताते है कि रामायण काल से पहले से तिगरीधाम में लोग मेले का आयोजन हो रहा है। उन्होने बताया कि श्रवण कुमार अपने माता-पिता को लेकर गंगाकिनारे आये थे। जब लोगों को उनके आने की सूचना मिली तो आसपास के लोगों ने कई दिनों तक गंगा किनारे पर तंबु लगाकर श्रवण कुमार के दर्शन किये थे। इसके बाद से हर साल दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा को गंगामेले का आयोजन किया जा रहा है।
लाख श्रद्धालु पहुंचते है तिगरीधाम
कार्तिक पूर्णिमा पर तिगरी धाम पर लगने वाला गंगा मेला उत्तर भारत का प्राचीन और ऐतिहासिक मेला है। तिगरी गंगा मेले में जिले के साथ ही आसपास जिलों के 15 से 20 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। गंगा किनारे श्रद्धालु डेरा लगाकर मेले में रहते हैं। मेला आस्था का बड़ा संगम कहलाता है। तिगरी गंगा मेले को राज्य स्तर का दर्जा भी मिल चुका है।
दिवंगत आत्माओं के लिये करते है दीपदान
महाभारत काल से चली आ रही दीपदान का आज फिर देखने को मिला। चौदस की रात्रि में हजारोें लोगों ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए गंगा में दीपदान किया। इस बार दीपदान 26 नंवबर 2022 को होगा। इस दौरान अपने सगे संबंधी व परिजनों से बिछड़ों को याद कर उनके आंसू छलक उठे। इस परंपरा के निर्वहन के वक्त गंगा घाट ऐसा प्रतीत हुआ जैसे मानों आकाश से तारे धरती पर उतर आए हों।
ऐसा माना जाता है महाभारत युद्ध में मारे गए हजारों सैनिक और असंख्य योद्धाओं की आत्म शांति के लिए भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों की मौजूदगी में सर्वप्रथम दीपदान किया था। बुधवार को हजारों की संख्या में लोगों ने गंगा घाटों पर पहुंचकर दीपदान किया। जिनके परिवार के सदस्य उनके बीच अब नहीं रहे। दीपदान उन्हीं दिवंगत आत्मों की शांति के लिए संबंधित परिवार के लोग करते हैं। सूर्यास्त होते ही दीपदान का सिलसिला शुरू हो गया। देररात तक दीपदान जारी रहा।
तिगरी गंगा मेला 2023
27 नवंबर 2023 को कार्तिक पूर्णिमा
22 नवंबर को देवठान होगा
26 नवंबर को दीपदान
27 नवंबर को मुख्य स्नान
कैसे पहुंचे तिगरी गंगा मेला
तिगरी गंगा मेला उत्तर भारत का मुख्य मेला होता है। कई जिलों से यहां लोग पहुंचते है। अगर आप दिल्ली या मुरादाबाद से आना चाहते है तो आग गजरौला रेलवे स्टेशन या काकाठेर रेलवे स्टेशन से मेले में पहुंच सकते है। अगर आप गजरौला से जाना चाहते है तो स्टेशन ओटो मिल जाते है। जबकि काकाठेर से पैदल जाया जाता है। कई पैसेजर के साथ एक्सप्रेसों का ठराव रेलवे करता है। रोडवेज भी आसपास जिलों से मेलेस्थल तक चलाई जाती है। दिल्ली, मेरठ, हापुड, अमरोहा, बिजनौर, रामपुर, संभल, मुरादाबाद सहित आसपास जिले से बसें चलाई जाती है।