मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
मुरादाबाद : सीबीएसई स्कूलों के मालिकों और प्रिंसिपलों की एक बड़ी मीटिंग हुई। जिलाधिकारी अनुज सिंह खुद चेयर पर थे और कलैक्ट्रेट सभागार में ये बैठक चली। यहां स्कूलों की फीस, ड्रेस और किताबों को लेकर सख्त निर्देश दिए गए। अभिभावकों की जेब पर बोझ न पड़े, इसी को ध्यान में रखकर फैसले लिए गए। अब कोई स्कूल मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा सकेगा और ड्रेस बदलने का खेल भी बंद!
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सीबीएसई विद्यालयों के संचालकों और प्रधानाचार्यों के साथ बैठक संपन्न
जिलाधिकारी अनुज सिंह ने साफ कहा कि पहले की जिला शुल्क नियामक समिति की मीटिंग्स में जो फैसले हुए थे, उन्हें फॉलो करो। बच्चों से ली जाने वाली फीस को ज्यादा से ज्यादा 4 स्लैब में रखो। एक स्लैब से दूसरे में शिफ्ट होने पर फीस में बड़ा उछाल न आए। हर साल फीस बढ़ानी है तो उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2018 के मुताबिक ही करो। मनमानी बिल्कुल नहीं चलेगी। अभिभावक पहले से ही महंगाई से परेशान हैं, स्कूलों को समझदारी दिखानी होगी।
विद्यालयों में लागू शुल्क, ड्रेस और पुस्तकों के संबंध में दिए जरूरी निर्देश
जनपद के 14 सीबीएसई स्कूलों ने अभी तक एनसीईआरटी या प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों की जानकारी तय फॉर्मेट में नहीं दी है। जिलाधिकारी ने तुरंत ये सूचना मांगी और कहा कि किताब विक्रेताओं से मीटिंग कराई जाएगी। पाठ्यक्रम में कोई बदलाव मत करो। जहां एनसीईआरटी की किताबें नहीं हैं और प्राइवेट वाली लगानी जरूरी है, तो पहले पैरेंट-टीचर मीटिंग में सहमति लो। प्रस्ताव भेजो। महंगी किताबें हैं तो उनकी कॉपी स्कूल लाइब्रेरी में रखो, ताकि बच्चे वहां पढ़ सकें। इससे पेरेंट्स की जेब पर कम बोझ पड़ेगा।
जिलाधिकारी ने सबसे सख्त हिदायत दी – कोई स्कूल ड्रेस वगैरह में बदलाव न करे! अगर मजबूरी है तो 90 दिन पहले नोटिस दो। ड्रेस का डिजाइन ऐसा हो जो ओपन मार्केट में आसानी से मिल जाए। ब्रांडेड या महंगी ड्रेस थोपने की कोशिश मत करो। अभिभावकों को परेशान करने वाले स्कूलों पर ऐक्शन होगा।
आरटीई एडमिशन को लेकर भी अलर्ट जारी। स्कूलों की मैपिंग हो रही है। एडमिशन में कोई गड़बड़ न हो। आवेदन में लगे जाति और इनकम सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन सक्षम अधिकारी से कराओ। शासन के नियमों का पालन सौ फीसदी हो। गरीब बच्चों का हक कोई न मारे।
मीटिंग में मुख्य विकास अधिकारी मृणाली अविनाश जोशी, जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र पांडे और दूसरे अधिकारी मौजूद रहे। सबने इन निर्देशों को लागू करने का भरोसा दिया।
अब देखना ये है कि स्कूल वाले इन नियमों का पालन करते हैं या नहीं। अभिभावक राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि जिलाधिकारी ने उनकी साइड ली है। फीस, किताब और ड्रेस का झंझट अब कम होगा। स्कूलों को मनमानी करने से पहले सौ बार सोचना पड़ेगा!
मुरादाबाद। जिलाधिकारी अनुज सिंह की ये मीटिंग अभिभावकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई। सीबीएसई स्कूलों के संचालक अब फीस के 4 स्लैब से बाहर नहीं जा सकेंगे। एक स्लैब से दूसरे में फीस ज्यादा न बढ़े, इसका खास खयाल रखना होगा। हर साल बढ़ोतरी सिर्फ 2018 के एक्ट के तहत ही। 14 स्कूलों ने किताबों की डिटेल नहीं दी, अब जल्दी देनी पड़ेगी। किताब विक्रेताओं से मीटिंग होगी। पाठ्यक्रम फिक्स रहेगा। प्राइवेट किताबें सिर्फ पैरेंट्स की सहमति से। महंगी किताबें लाइब्रेरी में रखो।