तिगरी गंगा मेला-अपने सगे सम्बन्धियों की मृत आत्मा की शांति के लिए माँ गंगा में किया दीपदान

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अमरोहा तिगरीधाम। भूदेव भगलिया, वरिष्ठ संवाददाता

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक गंगा तिगरी मेले में इस बार कुछ ऐसा नया हुआ है जो पहले कभी नहीं देखा गया। श्रद्धालु अपने सगे संबंधियों की मृत आत्मा की शांति के लिए मां गंगा में दीपदान कर रहे हैं। छोटे-छोटे दीपक गंगा की लहरों पर तैरते नजर आ रहे हैं और हर तरफ हर-हर गंगे के जयघोष गूंज रहे हैं। ये नजारा इतना भावुक और भव्य है कि देखने वाले की आंखें भर आती हैं। लोग अपने दिवंगत परिजनों की तस्वीरें साथ लेकर आ रहे हैं और गंगा जल में दीप छोड़कर उनकी आत्मा की शांति की कामना कर रहे हैं। मेले में आए लाखों श्रद्धालु इस अनोखे दीपदान में शामिल हो रहे हैं।

तिगरी मेले में पहली बार बसाई गई टेंट सिटी तिगरी गंगा मेले की भव्यता इस बार सातवें आसमान पर पहुंच गई है क्योंकि पहली बार यहां टेंट सिटी बसाई गई है। जी हां, गंगा तट के किनारे-किनारे लग्जरी टेंटों की एक पूरी कॉलोनी तैयार की गई है। इन टेंटों में एसी, बेड, बाथरूम, वाई-फाई जैसी सभी सुविधाएं हैं। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु अब मेले में रुककर पूरा आनंद ले सकते हैं। टेंट सिटी में रहते हुए सुबह गंगा स्नान, शाम की महाआरती और रात में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मजा लिया जा सकता है। जिला प्रशासन ने इसे मेले को कुंभ स्तर का बनाने की दिशा में पहला कदम बताया है।

टेंट सिटी की खासियत ये है कि ये पूरी तरह इको-फ्रेंडली है। प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया और सोलर लाइट से रोशनी की जा रही है। श्रद्धालु बुकिंग ऑनलाइन या स्पॉट पर करवा सकते हैं। एक रात का किराया भी आम बजट में है, ताकि हर कोई इसका फायदा उठा सके। टेंट सिटी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं – सीसीटीवी, महिला पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें तैनात हैं।

मेले में पहले दिन से ही टेंट सिटी हाउसफुल हो गई। दिल्ली, मेरठ, नोएडा, सहारनपुर से आए लोग यहां रुककर मेले का पूरा मजा ले रहे हैं। बच्चे टेंट में खेल रहे हैं, बड़े गंगा किनारे दीपदान कर रहे हैं और शाम को बनारस स्टाइल महाआरती देख रहे हैं। एक श्रद्धालु ने बताया, “पहले मेले में एक दिन आकर चले जाते थे, लेकिन अब टेंट सिटी की वजह से तीन-चार दिन रुक रहे हैं।”

दीपदान का भावुक नजारा, हर आत्मा को मिल रही शांति सूरज ढलते ही गंगा तट पर दीपदान का सिलसिला शुरू हो जाता है। लोग अपने सगे संबंधियों की याद में दीपक जलाते हैं और गंगा मैया से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं। कोई मां-बाप के लिए, कोई भाई-बहन के लिए, तो कोई पति-पत्नी के लिए दीप छोड़ रहा है। दीपकों की लड़ी गंगा की लहरों पर दूर तक चली जा रही है। ये दृश्य इतना खूबसूरत है कि फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

टेंट सिटी के ठीक सामने दीपदान का मुख्य पॉइंट बनाया गया है। यहां पुजारी मंत्रोच्चार कर रहे हैं और श्रद्धालु कतार में लगकर दीपदान कर रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर उम्र के लोग इसमें शामिल हैं। एक महिला ने रोते हुए बताया कि उसने अपने बेटे की याद में दीप छोड़ा। गंगा की लहरें दीपकों को बहा ले जा रही हैं, मानो आत्माएं मुक्ति की ओर बढ़ रही हों।

टेंट सिटी में लग्जरी के साथ भक्ति का अनोखा संगम टेंट सिटी में सुबह 5 बजे गंगा स्नान के लिए विशेष घंटी बजती है। श्रद्धालु उठकर स्नान करते हैं और फिर टेंट में ही चाय-नाश्ते का मजा लेते हैं। दिन में मेले के झूले, खान-पान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद। शाम को 5100 दीपकों वाली महाआरती और रात में रामायण मंचन या फोक डांस। टेंट सिटी में रहने वाले श्रद्धालु बता रहे हैं कि उन्हें घर जैसा आराम मिल रहा है और भक्ति का भी पूरा मजा।

जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि टेंट सिटी मेले को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की शुरुआत है। अगले साल इसे और बड़ा किया जाएगा। मंडलायुक्त आञ्जनेय कुमार ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सबसे ऊपर है। टेंट सिटी में मेडिकल कैंप, पानी की टंकी, शौचालय सब कुछ है।

श्रद्धालुओं की जुबानी – टेंट सिटी ने बदल दी मेले की सूरत मेरठ से आए राकेश कुमार ने कहा, “पहले होटल ढूंढना पड़ता था, अब टेंट में ही सब कुछ है। बच्चे खुश हैं, हम खुश हैं।” दिल्ली की प्रिया शर्मा ने बताया, “रात में गंगा किनारे टेंट में सोना, सुबह आरती सुनना – ये अनुभव जिंदगी भर याद रहेगा।” अमरोहा के स्थानीय निवासी बोले, “हमारे मेले में टेंट सिटी देखकर गर्व हो रहा है। अब दुनिया भर से लोग आएंगे।”

टेंट सिटी में 200 से ज्यादा टेंट लगाए गए हैं। हर टेंट में 4 लोग रुक सकते हैं। बुकिंग के लिए मेले के मुख्य द्वार पर काउंटर है और ऑनलाइन ऐप भी लॉन्च किया गया है। मेले में आने वाले हर श्रद्धालु को टेंट सिटी की ब्रोशर दी जा रही है।

दीपदान और टेंट सिटी ने बनाया मेले को यादगार तिगरी गंगा मेला इस बार सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक पूरा त्योहार बन गया है। दीपदान से आत्माओं को शांति, टेंट सिटी से सुविधा और सुरक्षा। 5100 दीपकों की महाआरती, रामायण मंचन, फोक डांस – सब कुछ एक साथ। मेले का ये नया रंग श्रद्धालुओं को बार-बार खींचकर ला रहा है।