रिटायरमेंट के बाद जिंदगी की नई शुरुआत, इस शॉर्ट फिल्म ने लखनऊ को किया मंत्रमुग्ध

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लखनऊ- बी.एस. सेलिब्रेशन होटल की चमक-दमक वाली शाम कुछ ऐसी थी कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। यहां जीरो फिल्म प्रोडक्शन की एक बेहद प्रेरणादायक शॉर्ट फिल्म “लाइफ आफ्टर रिटायरमेंट” का भव्य प्रीमियर हुआ। ये फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि जीवन का एक सबक है जो बताती है कि रिटायरमेंट का मतलब खत्म होना नहीं, बल्कि नई शुरुआत है। क्या आप जानते हैं, कितनी बार हम अपनी इच्छाओं को परिवार और समाज की जिम्मेदारियों में दबा देते हैं? ये फिल्म ठीक वैसा ही मैसेज देती है – रिटायरमेंट के बाद उन सपनों को पूरा करने का मौका मिलता है।

फिल्म का निर्देशन रतन शर्मा ने किया है, जो खुद इसके निर्माता भी हैं। मुख्य भूमिका में अखिलेश श्रीवास्तव ने कमाल का अभिनय किया है, जिससे पूरी कहानी जीवंत लगती है। फिल्म की शूटिंग लखनऊ की गलियों और जगहों पर हुई है, जो इसे और भी रिलेटेबल बनाती है। अगर आप रिटायरमेंट की उम्र के करीब हैं या किसी को जानते हैं जो रिटायर हो चुका है, तो ये फिल्म आपके लिए परफेक्ट है। ये दिखाती है कि जीवन कभी रुकता नहीं, बस दिशा बदलती है। जीरो फिल्म प्रोडक्शन के यूट्यूब चैनल पर ये फिल्म पहले ही रिलीज हो चुकी है, और लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं।

प्रीमियर की शाम: सितारों से सजी महफिल

प्रीमियर का माहौल देखने लायक था। होटल की ग्रैंड हॉल में लाइट्स की चमक, बैकग्राउंड में फिल्म के सीन चलते हुए, और दर्शकों की तालियां – सब कुछ ऐसा लगा जैसे कोई बड़ा बॉलीवुड इवेंट हो। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अमर सिंह आए थे, जो उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री हैं और पौप से जुड़े हैं। उनके साथ डॉ. रजनी अवस्थी भी थीं, जो टैरो कार्ड स्पेशलिस्ट, एस्ट्रोलॉजर और स्पिरिचुअल हीलर हैं। गिरिराज जी समेत प्रिंट और डिजिटल मीडिया से जुड़े कई बड़े नाम यहां मौजूद थे। हर कोई फिल्म की तारीफ कर रहा था। एक अतिथि ने कहा, “ये फिल्म समाज को एक नई सोच देती है। रिटायरमेंट को लोग बोझ समझते हैं, लेकिन ये बताती है कि ये तो गिफ्ट है!”

कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा। दर्शकों ने फिल्म की सामाजिक विषय-वस्तु पर खूब चर्चा की। डायरेक्शन इतना शानदार था कि हर सीन में रियलिटी झलकती थी। कलाकारों का अभिनय तो कमाल का था – मुख्य भूमिका में अखिलेश श्रीवास्तव ने दिल जीत लिया, जबकि हरजीत ने भी अपनी भूमिका को बखूबी निभाया। सह कलाकारों में निर्मल, राज और संगीता ने कहानी को और मजबूत बनाया। स्क्रीनप्ले गिरिराज श्री ने लिखा है, जो फिल्म की स魂 को छू लेने वाला है।

फिल्म का मैसेज: रिटायरमेंट है नई उड़ान

अब थोड़ा फिल्म की कहानी पर बात करें। ये शॉर्ट फिल्म महज 20-30 मिनट की है, लेकिन इसका असर घंटों तक रहता है। मुख्य किरदार रिटायर होता है और सोचता है कि अब क्या? लेकिन फिर वो अपनी पुरानी इच्छाओं को याद करता है – शायद ट्रैवल करना, किताब लिखना या कोई हॉबी शुरू करना। फिल्म ये दिखाती है कि सामाजिक दायित्वों के चक्कर में हम कितना कुछ छोड़ देते हैं। रिटायरमेंट वो समय है जब आप खुद के लिए जी सकते हैं। ये मैसेज आज के व्यस्त जीवन में बहुत जरूरी है, जहां लोग रिटायरमेंट को डर की तरह देखते हैं।

निर्माता रतन शर्मा ने बताया कि फिल्म बनाने का आइडिया उनके खुद के अनुभव से आया। वो कहते हैं, “मैंने देखा है कि कई लोग रिटायर होने के बाद उदास हो जाते हैं। लेकिन ये फिल्म उन्हें बताती है कि जीवन अभी बाकी है।” जीरो फिल्म प्रोडक्शन एक छोटी लेकिन क्रिएटिव टीम है, जो ऐसी कहानियां लाती है जो दिल को छूती हैं। लखनऊ जैसे शहर में शूटिंग करने से फिल्म में लोकल फ्लेवर आया, जो दर्शकों को अपनी लगती है।

दर्शकों की प्रतिक्रिया: तालियां और तारीफें

प्रीमियर के बाद सभी ने फिल्म की भूरि-भूरि प्रशंसा की। मीडिया वाले तो खासतौर पर इम्प्रेस्ड थे। एक पत्रकार ने कहा, “ऐसी फिल्में समाज को बदल सकती हैं। रिटायरमेंट पर इतनी पॉजिटिव स्टोरी कम ही देखने को मिलती है।” कार्यक्रम में हल्का-फुल्का म्यूजिक, स्नैक्स और डिस्कशन सेशन भी था, जो इसे और यादगार बनाता है। अगर आपने अभी तक फिल्म नहीं देखी, तो यूट्यूब पर जाकर सर्च करें – “लाइफ आफ्टर रिटायरमेंट” जीरो फिल्म प्रोडक्शन। ये फ्री है और सिर्फ कुछ मिनटों में आपको नई ऊर्जा देगी।

रतन शर्मा जैसे युवा डायरेक्टर बॉलीवुड को नई दिशा दे रहे हैं। उनकी ये फिल्म छोटी है, लेकिन इसका प्रभाव बड़ा है। अगर आप रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे हैं या किसी को सलाह देना चाहते हैं, तो ये फिल्म जरूर देखें। ये बताती है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है, सपने कभी रिटायर नहीं होते। लखनऊ का ये प्रीमियर न सिर्फ एक इवेंट था, बल्कि एक प्रेरणा का स्रोत बन गया।

आगे क्या: फिल्म की पहुंच और प्रभाव

फिल्म अब यूट्यूब पर उपलब्ध है, और जल्द ही इसे और प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज करने की प्लानिंग है। जीरो फिल्म प्रोडक्शन की टीम आगे भी ऐसी सोशल मैसेज वाली फिल्में लाने वाली है। प्रीमियर में आए अतिथियों ने वादा किया कि वो इसे अपने सर्कल में प्रमोट करेंगे। डॉ. रजनी अवस्थी ने कहा, “स्पिरिचुअल तरीके से देखें तो रिटायरमेंट आत्मा की नई जर्नी है।” अमर सिंह जी ने भी फिल्म को सामाजिक बदलाव का टूल बताया।

कुल मिलाकर, ये प्रीमियर लखनऊ के लिए एक यादगार शाम थी। फिल्म की टीम – रतन शर्मा, गिरिराज श्री, अखिलेश श्रीवास्तव और बाकी कलाकारों को बधाई। अगर आप प्रेरणा की तलाश में हैं, तो ये फिल्म मिस न करें। जीवन की असली खुशी रिटायरमेंट के बाद शुरू होती है – ये मैसेज घर-घर पहुंचना चाहिए।