हिमस्खलन की चपेट में आए 44 श्रमिक खतरे से बाहर, मुरादाबाद के श्रमिक ने बताया कैसे हुई घटना

2 को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है। 44 श्रमिकों में सभी खतरे से बाहर हैं। उपचार ले रहे श्रमिकों में पिथौरागढ़ के रहने वाले गणेश कुमार ने बताया कि मुझे तो बचने की उम्मीद ही नहीं थी, लेकिन सरकार के रेस्क्यू अभियान के कारण आज मैं बिल्कुल सुरक्षित हूं।
 
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चमोली। जिला चमोली में हिमस्खलन की चपेट में आए 44 श्रमिकों का ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 2 को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है। 44 श्रमिकों में सभी खतरे से बाहर हैं। उपचार ले रहे श्रमिकों में पिथौरागढ़ के रहने वाले गणेश कुमार ने बताया कि मुझे तो बचने की उम्मीद ही नहीं थी, लेकिन सरकार के रेस्क्यू अभियान के कारण आज मैं बिल्कुल सुरक्षित हूं।


इसी क्रम में उत्तरकाशी के रहने वाले मनोज भंडारी ने रेस्क्यू अभियान की प्रशंसा की। भारतीय सेना और प्रशासन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इतने मुश्किल समय में सरकार ने हमारी बहुत मदद की। सेना अस्पताल में ही उपचार करवा रहे मुरादाबाद के विजयपाल ने बताया कि 28 फरवरी को जब ग्लेशियर हमारे कंटेनर पर गिरा तो हम घबरा गए, लेकिन आर्मी कैंप में हमें सेना ने रात भर सुरक्षित रखा और अगले दिन रेस्क्यू अभियान में हमें सेना के अस्पताल ज्योतिर्मठ में सुरक्षित लाया गया।


इस प्रकार घटना के बाद चलाए गए रेस्क्यू अभियान की घायलों ने सराहना की। सेना के अस्पताल में भर्ती श्रमवीरों ने कहा कि भारतीय सेना, आई. टी.बी.पी, वायुसेना, एन.डी.आर. एफ, एस.डी.आर.एफ और जिला प्रशासन की ओर से तेजी से चलाए गए रेस्क्यू अभियान के कारण ही वे सुरक्षित हैं। उन्होंने रेस्क्यू अभियान को लेकर मुख्यमंत्री   पुष्कर सिंह धामी सहित रेस्क्यू में जुटी पूरी टीम का धन्यवाद व्यक्त किया।

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