रोहित कुमार, सवांददाता
Amroha News-अमरोहा में सड़क सुरक्षा को लेकर एक बड़ी पहल शुरू हो गई है। आज यानी 17 नवंबर 2025 को जिलाधिकारी श्रीमती निधि गुप्ता व्यास की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य गन्ना लदे वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप वाले कपड़े को अनिवार्य बनाना था। गन्ने की फसल का मौसम चल रहा है और ऐसे में सड़कों पर ट्रकों और ट्रॉलियों की भरमार रहती है। रात के समय या कोहरे में ये वाहन दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन जाते हैं। इसलिए डीएम ने साफ-साफ निर्देश दिए कि अब से हर गन्ना लदे वाहन पर पीछे की तरफ कम से कम 2×2 मीटर का लाल कपड़ा लगाना जरूरी होगा, और उस पर रिफ्लेक्टर टेप चिपका होना चाहिए। यह टेप रात में गाड़ियों की लाइट पड़ने पर चमकता है और दूर से ही वाहन नजर आ जाता है, जिससे हादसे कम होते हैं।
बैठक में डीएम ने राणा शुगर मिल के प्रतिनिधियों को विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हसनपुर और धनोरा इलाकों में गन्ना ट्रॉली से नहीं लाया जाए। सिर्फ ट्रैक्टरों का ही इस्तेमाल किया जाए। वजह साफ है – ट्रॉलियां अक्सर ओवरलोड हो जाती हैं और सड़क पर संतुलन बिगड़ने का खतरा रहता है। डीएम ने जोर देकर कहा कि अगर कोई मिल इन नियमों की अनदेखी करेगी तो सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों से कहा कि समय-समय पर रिफ्लेक्टर टेप से जुड़ी जागरूकता कार्यशालाएं और कैंप आयोजित किए जाएं। ये कैंप सभी शुगर मिलों और गन्ना खरीद केंद्रों पर लगाए जाएं, ताकि किसान और ट्रांसपोर्टर दोनों को इसके फायदे समझ में आएं।
जागरूकता के लिए होर्डिंग्स और कैंप जरूरी
डीएम ने बैठक में आगे कहा कि सभी गन्ना मिलों के परिसर में और उनके गन्ना खरीद केंद्रों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगवाए जाएं। इन होर्डिंग्स पर साफ-साफ लिखा हो कि गन्ना लदे वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप वाला लाल कपड़ा लगाना अनिवार्य है। इससे किसानों को आने से पहले ही पता चल जाएगा और वे तैयार होकर आएंगे। खासतौर पर छोटी ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर ध्यान देने की बात कही गई। अक्सर किसान अपनी ट्रॉलियों पर ऐसा कपड़ा नहीं लगाते, क्योंकि ये उनके निजी वाहन होते हैं और उन पर सीधे कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसलिए डीएम ने निर्देश दिए कि सभी शुगर मिलें अपने खरीद केंद्रों पर ही किसानों की ट्रॉलियों पर रिफ्लेक्टर टेप वाला कपड़ा लगवाने की व्यवस्था करें। इससे किसानों को परेशानी नहीं होगी और नियम का पालन भी हो जाएगा। यह कदम न सिर्फ सुरक्षा बढ़ाएगा बल्कि किसानों के लिए भी सुविधाजनक होगा।
ओवरलोडिंग और ओवरटेकिंग पर सख्ती
बैठक में सड़क सुरक्षा के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा हुई। डीएम ने सख्त लहजे में कहा कि किसी भी वाहन पर तय क्षमता से ज्यादा गन्ना नहीं लोड किया जाए। ओवरलोडिंग से वाहन असंतुलित हो जाते हैं और हादसे का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, शुगर मिल पर अपना नंबर जल्दी लगवाने के चक्कर में ट्रांसपोर्टर अक्सर ओवरटेकिंग करते हैं या सड़क पर दो-दो गाड़ियां साथ-साथ चलाते हैं। डीएम ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं चलेगा। सभी गन्ना लदे वाहन एक लाइन में चलें। इसके लिए शुगर मिलों को अपने अधिकृत ट्रांसपोर्ट कॉन्ट्रैक्टरों को साफ निर्देश जारी करने होंगे। अगर कोई कॉन्ट्रैक्टर इन नियमों की अनदेखी करेगा तो मिल जिम्मेदार होगी।
वाहनों के दस्तावेजों की जांच अनिवार्य
डीएम ने गन्ना ढोने वाले अधिकृत ट्रांसपोर्ट कॉन्ट्रैक्टरों को भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर वाहन के सभी दस्तावेज वैध होने चाहिए। जैसे फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट, टैक्स और इंश्योरेंस। अगर ये दस्तावेज वैध नहीं होंगे तो सड़क पर चेकिंग के दौरान परेशानी हो सकती है और अप्रिय कार्रवाई से बचा जा सकेगा। यह निर्देश इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि गन्ने के सीजन में सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ जाता है और पुलिस चेकिंग भी तेज हो जाती है। वैध दस्तावेज होने से ट्रांसपोर्टर बेफिक्र होकर काम कर सकेंगे और हादसों की संभावना भी कम होगी।
इस बैठक में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) अमरोहा, विभिन्न शुगर मिलों के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने डीएम के निर्देशों पर सहमति जताई और इन्हें लागू करने का वादा किया। यह बैठक अमरोहा जिले में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। गन्ने का सीजन हर साल नवंबर से शुरू होता है और ऐसे में ये नियम किसानों, ट्रांसपोर्टरों और आम लोगों की जान बचाने में मदद करेंगे। अगर ये निर्देश सही से लागू हुए तो हादसों में कमी आएगी और सड़कें सुरक्षित बनेंगी।
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