मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
मुरादाबाद : शहर में अवैध निर्माणों के खिलाफ विकास प्राधिकरण की टीम लगातार एक्शन मोड में है। उपाध्यक्ष अनुभव सिंह (आईएएस) के नेतृत्व में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) नगर क्षेत्र और अधिसूचित इलाकों में अनधिकृत विकास कार्यों पर सख्ती से नजर रख रहा है। इसी कड़ी में 12 नवंबर को प्राधिकरण के प्रवर्तन दस्ते ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। जोन-3, सब-जोन-16 के गागन, जन्नतबाग इलाके में रफीक अहमद द्वारा बनाई जा रही लगभग 250 वर्गमीटर की अवैध फैक्ट्री को टीम ने ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई तब हुई जब निरीक्षण में पता चला कि यह निर्माण बिना किसी मानचित्र स्वीकृति के हो रहा था। एमडीए की टीम मौके पर पहुंची और तुरंत निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया। इस एक्शन से इलाके में हलचल मच गई, और लोग देखते रह गए कि कैसे अवैध ढांचा मिनटों में जमींदोज हो गया।
अवैध निर्माण की जांच और कार्रवाई का पूरा ब्योरा
मुरादाबाद जैसे शहरों में अवैध निर्माण एक बड़ी समस्या बन चुके हैं। ये न सिर्फ शहर की योजना को बिगाड़ते हैं बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक साबित होते हैं। एमडीए के अधिकारी बताते हैं कि इस तरह के निर्माण अक्सर बिना किसी नियम-कायदे के किए जाते हैं, जिससे भविष्य में दुर्घटनाएं हो सकती हैं। 12 नवंबर की इस कार्रवाई में प्रवर्तन टीम ने पहले इलाके का निरीक्षण किया। गागन और जन्नतबाग जैसे इलाकों में जहां आबादी घनी है, वहां फैक्ट्री जैसा बड़ा निर्माण बिना परमिशन के चल रहा था। टीम ने पाया कि रफीक अहमद ने कोई मानचित्र अप्रूवल नहीं लिया था। ऐसे में तुरंत बुलडोजर लगाकर पूरा ढांचा गिरा दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि यह सिर्फ एक शुरुआत है, और ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे। शहरवासियों को यह संदेश देने की कोशिश है कि नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई से न सिर्फ अवैध निर्माण रुका बल्कि आसपास के लोगों में भी जागरूकता फैली।
शहर के विकास में एमडीए की भूमिका बहुत अहम है। यह प्राधिकरण शहर की प्लानिंग, रोड, पार्क और बिल्डिंग्स को व्यवस्थित रखने का काम करता है। जब कोई व्यक्ति या संस्था बिना परमिशन निर्माण शुरू कर देता है, तो यह पूरे सिस्टम को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, अवैध फैक्टरियां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं, ट्रैफिक बढ़ाती हैं और कभी-कभी आग या अन्य हादसों का कारण बनती हैं। एमडीए के इस अभियान का मकसद यही है कि शहर को अनियोजित विकास से बचाया जाए। उपाध्यक्ष अनुभव सिंह के निर्देशन में टीम दिन-रात काम कर रही है। वे खुद फील्ड में उतरकर स्थिति का जायजा लेते हैं। इस बार की कार्रवाई में भी उनकी प्लानिंग साफ नजर आई। टीम ने सुबह-सुबह पहुंचकर निर्माण को रोका और ध्वस्त किया, ताकि कोई विरोध न हो सके।
एमडीए की चेतावनी: बिना परमिशन निर्माण मत करो!
एमडीए के अधिकारियों ने साफ-साफ कहा है कि बिना मानचित्र स्वीकृति के कोई भी निर्माण अवैध है और इसके लिए सख्त सजा हो सकती है। वे आम लोगों से अपील कर रहे हैं कि निर्माण शुरू करने से पहले प्राधिकरण से अप्रूवल जरूर लें। इससे न सिर्फ कानूनी पचड़े से बचा जा सकता है बल्कि निर्माण भी सुरक्षित और मानक के मुताबिक होगा। कई बार लोग पैसे बचाने या जल्दबाजी में परमिशन नहीं लेते, लेकिन बाद में नुकसान ज्यादा होता है। एमडीए का कहना है कि अप्रूवल प्रक्रिया आसान है और ऑनलाइन भी उपलब्ध है। बस जरूरी दस्तावेज जमा करके मानचित्र पास करवाएं। इस अपील का मकसद है कि लोग खुद जागरूक हों और शहर के विकास में योगदान दें। अगर कोई अवैध निर्माण देखता है, तो वह एमडीए को सूचित कर सकता है। इससे शहर साफ-सुथरा और व्यवस्थित बनेगा।
अवैध निर्माणों के खिलाफ यह अभियान सिर्फ एक दिन का नहीं है। एमडीए ने घोषणा की है कि आगे भी ऐसे ऑपरेशन चलते रहेंगे। शहर के हर जोन में नजर रखी जा रही है। जोन-3 जैसे इलाकों में जहां इंडस्ट्रियल गतिविधियां ज्यादा हैं, वहां विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि अगर आज सख्ती नहीं बरती गई तो कल शहर अनियोजित हो जाएगा। इससे ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और अन्य समस्याएं बढ़ेंगी। इसलिए, यह अभियान शहरवासियों के हित में है। लोग भी सहयोग करेंगे तो मुरादाबाद एक मॉडल शहर बन सकता है।
शहर के भविष्य के लिए जरूरी कदम
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की यह कार्रवाई एक उदाहरण है कि कैसे प्रशासन अवैध गतिविधियों पर लगाम लगा रहा है। रफीक अहमद की फैक्ट्री जैसी कई अन्य इमारतें भी निशाने पर हैं। टीम लगातार सर्वे कर रही है और जहां भी उल्लंघन मिलेगा, वहां एक्शन लिया जाएगा। आम आदमी को यह समझना चाहिए कि नियम सभी के लिए बराबर हैं। बिना परमिशन निर्माण करने से न सिर्फ जुर्माना लग सकता है बल्कि पूरा ढांचा गिराया जा सकता है। एमडीए की वेबसाइट पर अप्रूवल की पूरी जानकारी उपलब्ध है। लोग वहां जाकर डिटेल्स चेक कर सकते हैं। इस अभियान से शहर में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। लोग अब सोचने लगे हैं कि निर्माण से पहले परमिशन लेना कितना जरूरी है।
अंत में, एमडीए के अधिकारी शहरवासियों से कह रहे हैं कि विकास सबका अधिकार है, लेकिन इसे नियमों के दायरे में रहकर करना चाहिए। अवैध निर्माण न सिर्फ व्यक्तिगत नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करते हैं। इसलिए, अपील है कि सभी जिम्मेदार नागरिक बनें और प्राधिकरण का साथ दें। यह अभियान जारी रहेगा और मुरादाबाद को बेहतर बनाने में मदद करेगा।