मुरादाबाद SSP ने खुद सुनी शिकायतें, थानेदारों को लगाई फटकार

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मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता

मुरादाबाद। पुलिस लाइन्स में सुबह 11 बजे से शुरू हुई जनसुनवाई में खुद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल कुर्सी पर बैठे और एक-एक फरियादी की बात धैर्य से सुनते रहे। कोई जमीन कब्जे की शिकायत लेकर आया, कोई घरेलू हिंसा से परेशान महिला रोते-रोते आई, तो कोई सालों से लटकी FIR की गुहार लगाने पहुंचा। SSP साहब ने न सिर्फ सबकी बात सुनी बल्कि मौके पर ही संबंधित थानेदारों को फोन घुमाकर सख्त हिदायत दे डाली – “अब एक भी फरियादी मेरे पास बार-बार न आए!”

कौन आया, क्या हुआ?

बुधवार सुबह से शाम 5 बजे तक कुल 150 से ज्यादा फरियादी SSP ऑफिस पहुंचे। इनमें ज्यादातर महिलाएं, बुजुर्ग और गरीब तबके के लोग थे। शिकायतें भी हर तरह की – जमीन पर अवैध कब्जा, दहेज प्रताड़ना, मारपीट, धोखाधड़ी, पुरानी FIR पर कोई कार्रवाई न होना, पुलिस का रवैया ठीक न होना और यहां तक कि थाने में शिकायत लिखवाने के लिए भी पैसे मांगने की बातें सामने आईं।

कब और कहाँ हुआ ये सब?

ये पूरी जनसुनवाई 4 दिसंबर 2025 (बुधवार) को मुरादाबाद पुलिस लाइन्स स्थित SSP कार्यालय में हुई। सुबह 11 बजे से शुरू होकर शाम तक चली। बाहर लंबी कतार लगी थी, लेकिन अंदर SSP साहब एक-एक व्यक्ति को 4-5 मिनट जरूर दे रहे थे।

क्यों लिया इतना बड़ा कदम?

SSP सतपाल अंतिल ने साफ कहा, “मेरा मकसद है कि आम आदमी को थाने के चक्कर काटने से बचाना। ज्यादातर शिकायतें ऐसी होती हैं जिनका निपटारा थाना स्तर पर ही हो सकता है। फिर भी लोग मेरे पास आते हैं, इसका मतलब कहीं न कहीं हमारे थानों में कमी है। अब ये कमी दूर की जाएगी।”

उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए कि:

  • महिला हेल्प डेस्क को और मजबूत किया जाए
  • छोटी-मोटी शिकायतों का निपटारा थाने में ही हो
  • किसी भी फरियादी को बेवजह SSP ऑफिस न भेजा जाए
  • हर शिकायत का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हो

कैसे बदलेगा अब सिस्टम?

SSP ने सबसे बड़ा ऐलान ये किया कि अब हर थाने में जनसुनवाई और महिला हेल्प डेस्क को और प्रभावी बनाया जाएगा। साथ ही एक नया सिस्टम लाया जा रहा है जिसमें थानेदार खुद हर हफ्ते अपने इलाके के लोगों की सुनवाई करेंगे। अगर फिर भी कोई शिकायत SSP तक पहुंचती है तो संबंधित थानेदार की जवाबदेही तय होगी।

एक महिला ने रोते हुए बताया, “साहब, मेरे पति 6 महीने से मारते हैं, थाने में शिकायत लिखी लेकिन कोई सुनवाई नहीं। आज आपने खुद SHO को फोन करके तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया। पहली बार लगा कि पुलिस हमारी भी है।”

लोगों में खुशी की लहर, थानेदारों में खलबली!

जनसुनवाई खत्म होने के बाद बाहर खड़े लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे। कई लोगों ने कहा, “अब तक तो थाने में घूस मांगते थे, आज SSP साहब ने साफ कह दिया – एक भी रुपया लिया तो निलंबन पक्का!”

दूसरी तरफ थाना प्रभारियों में खलबली मच गई है। क्योंकि SSP ने साफ कह दिया है, “अब परफॉर्मेंस देखी जाएगी। जो थानेदार अच्छा काम करेगा उसे सम्मान, जो नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई!”