मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
मुरादाबाद। बुधवार का दिन पीली कोठी चौराहा कभी नहीं भूलेगा। जहां हर रोज़ तेज़ रफ़्तार वाहन और हॉर्न की आवाज़ें गूंजती हैं, वहां अचानक 750 छात्राओं की एक लंबी लंबी मानव श्रृंखला बन गई और पूरा इलाका शांत हो गया। वाहन रुक गए, लोग रुक गए और हर किसी की नज़र उन नन्हीं परी जैसी लड़कियों पर टिक गई, जो हाथ में तख्तियां लिए सड़क सुरक्षा का संदेश दे रही थीं।
यातायात माह के तहत हुआ ये ख़ूबसूरत कार्यक्रम पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कुंवर आकाश सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। शकुन्तला देवी इंटर कॉलेज की करीब 750 छात्राओं ने सुबह-सुबह ही चौराहे पर एकत्र होकर मानव श्रृंखला बनाई। सफ़ेद-नीली यूनिफॉर्म में सजी ये लड़कियां जब हाथ में हाथ डाले खड़ी हुईं तो ऐसा लगा जैसे कोई सफ़ेद-नीली लहर सड़क पर बह रही हो।
छात्राओं ने जो तख्तियां उठाईं, वो दिल को छू गईं
“हेलमेट लगाओ, जिंदगी बचाओ”, “ज़ेब्रा क्रॉसिंग पर रुको”,”सीट बेल्ट लगाना भूल गए क्या?”,”तेज़ रफ़्तार नहीं, सुरक्षित सफ़्तार चाहिए” – ऐसी दर्जनों तख्तियां हाथों में लिए लड़कियां नारे लगा रही थीं। आने-जाने वाले वाहन चालक रुक-रुक कर तख्तियां पढ़ रहे थे। कई बाइकर्स ने तो हेलमेट निकालकर सिर पर रख लिया और कुछ कार ड्राइवरों ने फ़ौरन सीट बेल्ट बाँध ली।
SP ग्रामीण ने खुद छात्राओं के बीच जाकर किया संबोधित
कार्यक्रम में मौजूद पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कुंवर आकाश सिंह ने छात्राओं के बीच जाकर उन्हें संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज ये बच्चियां जो संदेश दे रही हैं, वो हम सबके लिए है। ख़ासकर युवा वर्ग जो तेज़ बाइक चलाने और स्टंट करने में गर्व महसूस करता है, उसे समझना होगा कि एक पल की मस्ती ज़िंदगी भर का गम बन सकती है।
SP साहब ने बताया कि यातायात माह इसलिए मनाया जाता है ताकि हर साल सड़कों पर होने वाली हजारों मौतों को रोका जा सके। सिर्फ़ मुरादाबाद में ही नहीं, पूरे देश में सड़क दुर्घटनाएं एक महामारी की तरह फैल रही हैं। और इसका सबसे आसान इलाज है – नियमों का पालन।
लड़कियों की आँखों में था ज़ज्बा, आवाज़ में दृढ़ता
शकुन्तला देवी इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल और शिक्षिकाएं भी पूरे उत्साह के साथ मौजूद थीं। एक छात्रा ने बताया, “मैम ने कहा था कि अगर हम आज लोगों को जागरूक कर देंगी तो शायद किसी का भाई, किसी का बाप या किसी की बहन सुरक्षित घर लौट आए।” दूसरी छात्रा बोली, “हम रोज़ स्कूल आते-जाते देखते हैं कि लोग कैसे लाल बत्ती तोड़ते हैं, हम चाहती हैं कि हमारा शहर सबसे सुरक्षित शहर बने।”
चौराहे पर कुछ देर के लिए ट्रैफ़िक अपने आप संभल गया
सबसे हैरान करने वाली बात ये थी कि मानव श्रृंखला बनते ही चौराहे पर ट्रैफ़िक अपने आप संभल गया। बिना पुलिस की लाठी के, बिना चालान के, सिर्फ़ इन बच्चियों के संदेश ने लोगों को नियम मानने पर मजबूर कर दिया। कई दुपहिया वाहन चालकों ने हेलमेट लगाया, कार वालों ने सीट बेल्ट बाँधी और कुछ लोग तो गाड़ी से उतरकर बच्चियों की तारीफ़ करने लगे।
ये नज़ारा देखकर लग रहा था कि अगर हर स्कूल की बच्चियां ऐसे आगे आएं तो शायद एक दिन सड़क दुर्घटनाएं सच में खत्म हो जाएं।
आख़िर में हुआ संकल्प
कार्यक्रम के अंत में सभी छात्राओं ने हाथ उठाकर संकल्प लिया कि वो खुद तो सभी यातायात नियमों का पालन करेंगी ही, अपने घर-परिवार को भी करेंगी और दूसरों को भी जागरूक करेंगी। SP साहब ने सभी बच्चियों को सम्मानित किया और कहा, “आज तुम सब ने जो किया, वो कोई पुलिस वाला नहीं कर सकता था। तुमने दिल से दिल तक संदेश पहुँचाया है।”
- मौलाना रोते हुए हाय अल्लाह-हाय तौबा’ चिल्लाता रहा महिला पिटाई करती रही, जाने वजह
- 200 मीटर गहरी खाई में गिरी बरातियों की कार, 5 लोगों की मौत
- Uttarkashi: कार खाई में गिरने से एक महिला की मौत, पांच गंभीर घायल
- Uttarakhand Weather : कल से बदलेगा मौसम, बारिश-बर्फबारी के आसार ठंड में भी होगा इजाफा
- खटीमा में मुख्यमंत्री धामी का किसानों ने किया जोरदार स्वागत