फरीदाबाद से धराई गई डॉ. शाहीन सईद ने कभी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग में सात साल तक प्रवक्ता की कुर्सी संभाली थी। लेकिन साल 2013 में अचानक बिना बताए गायब हो गई। कॉलेज वाले नोटिस पर नोटिस भेजते रहे, मगर जवाब का नाम नहीं। आखिरकार 2021 में सरकार ने उसे नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब दिल्ली ब्लास्ट केस में उसका नाम जुड़ने से हर कोई हैरान है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से मिली डिटेल्स बताती हैं कि शाहीन ने प्रयागराज मेडिकल कॉलेज से जनवरी 2003 में एमबीबीएस और दिसंबर 2005 में एमडी की डिग्री हासिल की। लोक सेवा चयन आयोग के जरिए चयन हुआ और अगस्त 2006 में जीएसवीएम के फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट में लेक्चरर बनकर जॉइन कर लिया। 2009-10 में कन्नौज मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर हो गया, लेकिन महज छह महीने बाद वापस जीएसवीएम लौट आई।
फिर 2013 में बिना किसी इत्तला के जॉब छोड़ दी। कॉलेज की तरफ से बार-बार नोटिस गए, मगर शाहीन ने मुंह नहीं खोला। उसके खिलाफ एक्शन की प्रोसेस शुरू हुई और 2021 में बर्खास्तगी का ऑर्डर आ गया। हैरानी की बात ये कि बर्खास्त होने के बाद शाहीन ने कॉलेज से एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट मांगा। अपने प्रार्थना पत्र में पता दिया – डॉ. परवेज सईद, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसिन डिपार्टमेंट, ओपीडी कॉम्प्लेक्स, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, दसौली, कुर्सी रोड, लखनऊ। शाहीन ने इंटर की पढ़ाई लखनऊ के लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से पूरी की। पति नेत्र रोग स्पेशलिस्ट डॉ. हयात जफर पीएमएस डॉक्टर हैं, लेकिन 2015 में तलाक हो गया और दोनों अलग हो गए।
मां की बीमारी ने बनाया डॉक्टर, अब आतंक के शक में फंसी
शाहीन के पापा बताते हैं कि बेटी शुरू से डॉक्टर बनना चाहती थी। मां की बीमारी के वक्त डॉक्टरों को सेवा करते देख इतनी इंस्पायर्ड हुई कि यही रास्ता चुना। मोहल्ले वाले कहते हैं – शाहीन बेहद सीधी-सादी थी, लोगों की मदद करना पसंद करती थी। लेकिन पता नहीं कैसे संदिग्ध एक्टिविटी में फंस गई। कुछ तो माइंडवॉश की बात कर रहे हैं। लोकल लोगों को यकीन नहीं आ रहा कि शाहीन का आतंकी कनेक्शन हो सकता है। फैमिली वालों ने बताया कि वो दिल्ली में भी कुछ दिन काम कर चुकी है। इंटेलिजेंस एजेंसियां उसके कॉन्टैक्ट्स की छानबीन कर रही हैं। अब तक कहां-कहां जॉब की, ये पूरा डिटेल जुटाया जा रहा है।
सहारनपुर कनेक्शन ने खोला राज
परवेज का अड्डा सहारनपुर में भी था, वहां क्लीनिक चलाता था। शाहीन के भी सहारनपुर लिंक सामने आए हैं। दरअसल, 6 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर के अंबाला रोड वाले अस्पताल में तैनात डॉ. आदिल अहमद को पकड़ा। आदिल की गिरफ्तारी के बाद मुअज्जिम का नाम आया। मुअज्जिम पकड़ा गया तो उसने शाहीन की जानकारी उगल दी। अब एजेंसियां शाहीन और परवेज के टेरर लिंक्स की तहकीकात में जुटी हैं।