मुरादाबाद को बाल श्रम मुक्त बनाने का लिया संकल्प, चलेगा अभियान

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मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता  

मुरादाबाद। बच्चों को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने का मिशन अब रफ्तार पकड़ने वाला है! कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री मृणाली अविनाश जोशी की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स (बाल श्रम), जिला श्रम बन्धु और जिला स्तरीय बन्धुआ श्रम सतर्कता समिति की अहम बैठक हुई। बैठक में उप श्रमायुक्त ने सभी अधिकारियों और व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को साफ-साफ चेतावनी दे दी — अब बाल श्रम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा!

उप श्रमायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश पर उत्तर प्रदेश को पूरी तरह बाल श्रम मुक्त बनाने का फैसला लिया गया है। प्रदेश सरकार ने 2027 तक यूपी को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का संकल्प लिया है और मुरादाबाद इसमें पीछे नहीं रहेगा। बैठक में बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 (2016 में संशोधित) की हर धारा को विस्तार से समझाई गई। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं की भी पूरी जानकारी दी गई।

होटल-रेस्टोरेंट से लेकर फैक्ट्रियों तक छापेमारी, कोई नहीं बचेगा!

सीडीओ मृणाली जोशी ने उप श्रमायुक्त को सख्त हिदायत दी — पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर जिले के सभी होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट और उन इलाकों में बड़ा अभियान चलाया जाए जहां बाल श्रम सबसे ज्यादा होता है। हर बच्चे को चिन्हित किया जाए, उनका नाम स्कूल में लिखवाया जाए और आर्थिक मदद देकर परिवार को मजबूत बनाया जाए।

सीडीओ ने कहा, “बेसिक शिक्षा विभाग और प्रोबेशन विभाग को बाल श्रमिकों की पूरी लिस्ट भेजी जाए और लगातार फॉलोअप लिया जाए।” इतना ही नहीं, पहले दर्ज हुए मुकदमों को 13 दिसम्बर 2025 को होने वाली लोक अदालत में जरूर निपटाया जाए। इसके लिए सभी विभागों से समन्वय करने के भी निर्देश दिए गए।

मुख्य चिकित्साधिकारी और बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया गया कि दोनों विभाग एक-एक नोडल अधिकारी तुरंत नामित करें ताकि अभियान में कोई रुकावट न आए। सीडीओ ने साफ कहा — यह काम तय समय में पूरा होना चाहिए, कोई बहाना नहीं चलेगा!

श्रमिकों के लिए खुशखबरी: कन्या विवाह, मातृत्व लाभ, मृत्यु सहायता सब मिलेगा

बैठक में जिला श्रम बन्धु योजना के तहत निर्माण श्रमिकों के लिए चल रही योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। कन्या विवाह सहायता, मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना, निर्माण कामगार मृत्यु एवं दिव्यांगता सहायता योजना जैसी स्कीमों को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए गए।

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना और NPS ट्रेडर्स के बारे में भी बताया गया। सीडीओ ने कहा — श्रमिकों को इन योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए विशेष कैंप लगाए जाएं। हर पात्र मजदूर को पेंशन और सहायता मिलनी चाहिए।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने सुझाव दिया कि अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देने के लिए कैंप लगाए जाएं। साथ ही हर निर्माण कार्य का पंजीयन अनिवार्य कर दिया जाए ताकि सरकार का लक्ष्य पूरा हो सके।

बन्धुआ मजदूरी पर जीरो टॉलरेंस, कुशीनगर के 10 मजदूरों का पुनर्वासन पूरा

अच्छी खबर यह है कि मुरादाबाद में अभी तक बन्धुआ मजदूरी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। जिला स्तरीय बन्धुआ श्रम सतर्कता समिति के पुनर्गठन का प्रस्ताव जिलाधिकारी को भेजा जा चुका है। इस साल कुशीनगर से छुड़ाए गए 10 बन्धुआ मजदूरों का पुनर्वासन पैकेज तैयार कर भेज दिया गया है।

बैठक का माहौल बेहद गंभीर लेकिन उम्मीद भरा था। सभी अधिकारी और व्यापारी प्रतिनिधि एक स्वर में सहमत हुए कि बच्चों का बचपन लौटाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुरादाबाद अब बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ जंग में पूरी ताकत से उतर चुका है!