मुरादाबाद में आयेंगी क्रांति, DM ने बेहतर शिक्षा, फर्नीचर से लेकर भोजन तक को ठीक करने के दिये निर्देश

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मयंक त्रिगुण, ब्यूरो चीफ

मुरादाबाद में बेसिक शिक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक संपन्न हुई है, जहां जिलाधिकारी अनुज सिंह ने बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए कई सख्त निर्देश जारी किए। इस बैठक में शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं से लेकर स्वच्छता, पोषण और बच्चों की समग्र प्रगति पर गहन चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और सभी स्कूलों में सुधार तुरंत लागू होने चाहिए। यह बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई, जहां विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

बैठक का मकसद था कि जिले के हर बच्चे को बेहतर शिक्षा मिले, और स्कूल उनके लिए सिर्फ पढ़ाई की जगह नहीं, बल्कि विकास का केंद्र बनें। जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि बच्चों का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास भी जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे जमीनी स्तर पर काम करें और हर समस्या का समाधान निकालें। इस बैठक से उम्मीद की जा रही है कि मुरादाबाद के स्कूलों में बड़ा बदलाव आएगा, और बच्चे अधिक उत्साह से पढ़ाई करेंगे।

विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था पर जोर

बैठक में सबसे पहले विद्यालयों में फर्नीचर की कमी पर बात हुई। जिलाधिकारी अनुज सिंह ने साफ-साफ निर्देश दिए कि हर स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त बेंच और डेस्क उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को कहा कि ग्राम पंचायतों के जरिए यह व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए। साथ ही, इसकी नियमित निगरानी भी सुनिश्चित की जाए, ताकि कोई कमी न रह जाए। जिलाधिकारी ने बताया कि कई स्कूलों में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, जो उनकी सेहत और एकाग्रता के लिए ठीक नहीं है। इसलिए, यह प्राथमिकता का मुद्दा है। अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि अगर फर्नीचर की व्यवस्था में देरी हुई, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। इस कदम से उम्मीद है कि बच्चे आराम से पढ़ाई कर सकेंगे और स्कूल जाना उनके लिए मजेदार अनुभव बनेगा। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि फर्नीचर की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए, ताकि वह लंबे समय तक चले। जिलाधिकारी ने कहा कि बजट की कमी का बहाना नहीं चलेगा, और सभी संसाधन जुटाए जाएंगे।

ठंड में बच्चों को न हो कोई परेशानी

सर्दियों का मौसम आ रहा है, और जिलाधिकारी ने इस पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि ठंड के दौरान बच्चों को किसी भी तरह की समस्या न हो। हर स्कूल में साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाए, और सप्ताह में कम से कम एक बार गहन सफाई कराई जाए। साथ ही, स्कूल परिसर और आसपास की झाड़ियों की नियमित कटाई सुनिश्चित की जाए, ताकि कोई स्वास्थ्य समस्या न पैदा हो। जिलाधिकारी ने कहा कि ठंड में बच्चे बीमार पड़ सकते हैं अगर सफाई ठीक न हो, इसलिए यह बहुत जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे खुद स्कूलों का दौरा करें और स्थिति का जायजा लें। इस निर्देश से मुरादाबाद के स्कूलों में स्वच्छता का स्तर ऊंचा होगा, और बच्चे सुरक्षित रहेंगे। बैठक में यह भी बात हुई कि ठंड से बचाव के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि गर्म कपड़े और उचित व्यवस्था।

लापरवाह सफाई कर्मियों पर होगी कार्रवाई

सफाई के मुद्दे पर जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के सफाई कर्मी अगर स्कूल की सफाई में लापरवाही बरतते हैं, तो उनकी सूची तैयार की जाए। ऐसी लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई होगी, ताकि कोई बहाना न चले। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सफाई कर्मियों की निगरानी करें और रिपोर्ट तैयार करें। इससे सफाई व्यवस्था में सुधार आएगा, और स्कूल बच्चों के लिए साफ-सुथरा बनेगा। बैठक में यह चर्चा हुई कि कई बार सफाई कर्मी ड्यूटी पर नहीं आते, जिससे समस्या बढ़ जाती है। इसलिए, अब नियमित चेकिंग होगी।

विद्यालयों में पौधारोपण के निर्देश

पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने स्कूलों में पौधारोपण पर जोर दिया। उन्होंने पहले दिए निर्देशों का जिक्र करते हुए कहा कि हर स्कूल में फूलों के पौधे लगाए जाएं। इससे स्कूल का माहौल सकारात्मक और स्वच्छ बनेगा, और बच्चे प्रकृति से जुड़ेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि पौधे लगाने से बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आएगी, और पढ़ाई का वातावरण बेहतर होगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे इसकी प्रगति की रिपोर्ट दें। इस कदम से मुरादाबाद के स्कूल हरे-भरे बनेंगे, और बच्चे खुश रहेंगे।

पेरेंट्स टीचर मीटिंग आयोजित करने के निर्देश

बच्चों की ड्रेस, जूते और मोजों की उपलब्धता पर समीक्षा हुई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि 01 जनवरी 2026 से पहले हर स्कूल में पेरेंट्स टीचर मीटिंग (पीटीएम) अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। इससे अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संवाद बढ़ेगा, और बच्चों की समस्याओं का समाधान होगा। बैठक में यह बात हुई कि पीटीएम से बच्चों की प्रगति पर नजर रखी जा सकेगी।

आंगनबाड़ी केंद्रों में ‘पहल’ पुस्तिकाओं की समीक्षा

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को गतिविधियों से जोड़ने के लिए ‘पहल’ पुस्तिकाओं के वितरण की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने आईसीडीएस अधिकारियों से जानकारी ली और निर्देश दिए कि जहां पुस्तिकाएं नहीं पहुंची हैं, वहां जल्द उपलब्ध कराई जाएं। इससे छोटे बच्चों को प्री-एजुकेशन मिलेगी।

कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में खेल संसाधनों की निगरानी

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में खेल संसाधनों की उपलब्धता पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों को गुणवत्ता की निगरानी के निर्देश दिए। इससे लड़कियों में खेल भावना बढ़ेगी।

मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर सख्ती

मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि पुराने बर्तनों को बदलकर नए खरीदे जाएं। इससे भोजन स्वच्छ और पौष्टिक बनेगा।

शहरी विद्यालयों में भी सीधे होगी भोजन व्यवस्था

शहरी स्कूलों में एनजीओ के जरिए भोजन नहीं होगा। ग्रामीण की तर्ज पर सीधी व्यवस्था की जाएगी।

वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री मृणाली अविनाश जोशी, जिला विकास अधिकारी जी.वी. पाठक, जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र पांडे, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।