weather-news-इन जिलों में ठंड को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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weather-news-देश में मौसम का मिजाज इन दिनों इतनी तेजी से बदल रहा है कि लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। उत्तर और मध्य भारत में शीतलहर, घना कोहरा और गिरते तापमान ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। वहीं, दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून की वजह से भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इस बदलते मौसम का असर स्वास्थ्य से लेकर खेती, यातायात और बिजली आपूर्ति तक हर क्षेत्र पर पड़ रहा है। लोग घरों में दुबके हुए हैं, और बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए हर कोई सतर्क है, लेकिन क्या यह ठंड और बारिश का दौर जल्द थमेगा? आइए, विस्तार से समझते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम कैसा खेल खेल रहा है।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान बताते हैं कि उत्तर और मध्य भारत में ठंड का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर 16 और 17 नवंबर को शीतलहर की स्थिति सबसे ज्यादा तीव्र हो सकती है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान जैसे राज्यों में न्यूनतम तापमान में तेज गिरावट देखी जा रही है। सुबह और रात के समय सर्दी इतनी कड़क हो रही है कि लोग अलाव के सहारे बैठे रहते हैं। इस ठंड की वजह से बाजारों में गर्म कपड़ों की डिमांड बढ़ गई है, और लोग घरेलू उपायों से खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ठंड सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि कई जोखिम भी साथ लाती है? जैसे कि बुजुर्गों और बच्चों में सांस की दिक्कतें बढ़ना, या फिर फसलों पर पाले का असर पड़ना। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनना और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करना जरूरी है, ताकि स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े।

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में तो ठंड ने लोगों को ठिठुरा दिया है। यहां पाला पड़ने से सर्दी और बढ़ गई है। तड़के सुबह कड़क ठंड, दोपहर में हल्की धूप और शाम होते ही फिर से बढ़ती सर्दी – मौसम हर पल अपना रंग बदल रहा है। अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया है। इस उतार-चढ़ाव की वजह से लोगों में सर्दी-जुकाम, बुखार और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याएं तेजी से फैल रही हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि ऐसे मौसम में घर से बाहर कम निकलें, और अगर निकलें तो मास्क और स्कार्फ का इस्तेमाल जरूर करें। उत्तराखंड में पर्यटन भी प्रभावित हो रहा है, क्योंकि सड़कें फिसलन भरी हो गई हैं और यात्री सावधानी बरत रहे हैं। लेकिन प्रकृति प्रेमियों के लिए यह मौसम एक अलग ही आकर्षण रखता है, जहां बर्फीली चोटियां और कोहरा मिलकर एक खूबसूरत नजारा बनाते हैं। फिर भी, सुरक्षा सबसे पहले है, और स्थानीय प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने की अपील की है।

हिमाचल प्रदेश-जम्मू-कश्मीर में तापमान शून्य से नीचे

हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यहां ताबो का तापमान माइनस 5.3 डिग्री, कुकुमसेरी माइनस 4.1, केलांग माइनस 3.6 और कल्पा 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। यह आंकड़े बताते हैं कि सर्दी कितनी कड़क है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में मौसम साफ रहेगा, लेकिन रात के समय ठंड और तेज हो सकती है। इसके उलट, ऊना में कल 28.2 डिग्री सेल्सियस का अधिकतम तापमान दर्ज हुआ, जो दर्शाता है कि राज्य के निचले इलाकों में अभी गर्मी का असर बाकी है। स्थानीय लोग बताते हैं कि ऐसी ठंड में घरों में हीटर और कंबल जरूरी हो जाते हैं। पर्यटकों के लिए यह मौसम आकर्षक है, लेकिन बर्फबारी की वजह से सड़कें बंद होने का खतरा भी है। प्रशासन ने सड़कों पर नमक छिड़काव और सफाई अभियान चलाया है ताकि यातायात सुचारू रहे। जम्मू-कश्मीर में भी वैसी ही स्थिति है, जहां घाटियां बर्फ से ढक गई हैं और लोग गर्म चाय और लोकल व्यंजनों से खुद को गर्म रख रहे हैं। इस ठंड का असर कृषि पर भी पड़ रहा है, क्योंकि पेड़-पौधे पाले से प्रभावित हो सकते हैं। किसानों को सलाह दी जा रही है कि फसलों को ढककर रखें और सिंचाई पर ध्यान दें। कुल मिलाकर, इन राज्यों में ठंड का यह दौर लोगों की दिनचर्या को बदल रहा है, लेकिन साथ ही सर्दियों की खूबसूरती भी सामने ला रहा है।

कोहरा और दृश्यता में कमी का खतरा

अगले 5 दिनों तक उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, पश्चिम मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में हल्के से मध्यम कोहरे की संभावना है। कई इलाकों में सुबह के समय दृश्यता 500 मीटर तक सीमित हो गई है, जो ड्राइविंग और ट्रेन यात्रा के लिए बड़ा खतरा है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सड़क पर गाड़ी चलाते समय स्पीड कंट्रोल रखें, हेडलाइट और फॉग लाइट का इस्तेमाल करें, और अतिरिक्त सावधानी बरतें। इससे दुर्घटनाओं का जोखिम कम होगा। कोहरे की वजह से एयरपोर्ट पर उड़ानें भी प्रभावित हो रही हैं, और यात्री घंटों इंतजार कर रहे हैं। रेलवे ने भी स्पेशल अलर्ट जारी किया है, जहां ट्रेनों की स्पीड कम की जा रही है। आम लोग बताते हैं कि सुबह का कोहरा इतना घना होता है कि घर से बाहर निकलना डरावना लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोहरा सिर्फ मौसम की मार नहीं, बल्कि प्रदूषण से भी जुड़ा है? शहरों में स्मॉग की वजह से दृश्यता और कम हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ऐसे मौसम में बाहर निकलते समय मास्क पहनें और बच्चों को घर में रखें। कुल मिलाकर, कोहरे का यह दौर यातायात को तो प्रभावित कर ही रहा है, साथ ही दैनिक जीवन को भी मुश्किल बना रहा है।

दक्षिण भारत: भारी बारिश का अलर्ट जारी

दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून पूरी तरह सक्रिय है, और बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। श्रीलंका के दक्षिणी क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बने ऊपरी हवाओं के चक्रवाती प्रसार, साथ ही बांग्लादेश के आसपास मौजूद दूसरे चक्रवात की वजह से नमी का परिवहन बढ़ रहा है। इससे भारी बारिश की स्थिति बन रही है। आगामी दिनों में तमिलनाडु, केरल और द्वीप समूहों में भारी वर्षा की आशंका है, जबकि तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस बारिश की वजह से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, और नदियां उफान पर हैं। किसान खुश हैं क्योंकि फसलें अच्छी होंगी, लेकिन शहरों में जलभराव से ट्रैफिक जाम और घरों में पानी घुसने की शिकायतें आ रही हैं। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि लोग निचले इलाकों से दूर रहें और आपात स्थिति के लिए तैयार रहें। केरल में तो बारिश ने पर्यटन को भी प्रभावित किया है, जहां समुद्र तटों पर हाई टाइड की चेतावनी है। स्थानीय प्रशासन ने राहत टीमों को तैनात किया है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। तमिलनाडु में स्कूल बंद करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। इस मानसून का असर बिजली आपूर्ति पर भी पड़ रहा है, क्योंकि कई जगहों पर तार टूट गए हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि यह बारिश जल संकट को कम कर सकती है। कुल मिलाकर, दक्षिण भारत में बारिश का यह दौर जहां चुनौतियां ला रहा है, वहीं प्रकृति की मेहरबानी भी साबित हो रहा है।